लेकिन अब ऐसा नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश गवई पर हाल ही में हुआ हमला इस सच्चाई का कड़वा प्रमाण है कि जातिगत घृणा अब चार दिवारी से बाहर आ गई है। जब देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को भी जाति के आधार पर निशाना बनाया जा सकता है, तो दलित आईएएस अधिकारियों, डॉक्टरों और सरकारी अधिकारियों के लिए इसका क्या मतलब है?
अगली बारी आईएएस अधिकारियों, डॉक्टरों और सरकारी अधिकारियों की हो सकती है!
यह सिर्फ़ एक घटना नहीं है। यह एक संदेश है!
: ॲड. प्रकाश आंबेडकर
राष्ट्रीय अध्यक्ष, वंचित बहुजन आघाडी
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